Sunday, December 2, 2007

हिन्दी में चिट्ठा लिखिये

यह बहुत ही खुशी की बात है कि माईक्रोसोफ्ट जैसी बहुराष्ट्र कम्पनी हिन्दी के महत्व को समझ गई है जिसके कारण अपने विंडोज एक्सपी में उन्होंने हिन्दी के एक फांट “मंगल” का समावेश कर लिया है. इस कारण आज हिन्दी के चिट्ठा लेखक इस भरोसे के साथ लिख सकते हैं कि यदि वे मंगल फांट में अपना लेखन लिखते हैं तो काफी सारे लोग बिन अधिक परेशानी के उसे पढ सकेंगे. लेकिन सवाल यह है कि इस सुविधा का हम क्या उपयोग कर रहे हैं?

कुछ लोग एकदम से कहेंगे कि जो लोग कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं, वे सब तो अंगरेजी अच्छी तरह जानते हैं, अतः हिन्दी लेखों की कोई जरूरत नहीं है. यह एक बहुत बडी गलतफहमी है. यह सही है कि कल तक कम्प्यूटर-साक्षर लोगों में अंग्रेजी-पढे लोगों की संख्या काफी थी, लेकिन आज स्थिति भिन्न है. कम्प्यूटर की कीमतें कम होती जा रही हैं, और इस कारण इसका प्रचार प्रसार और उपयोग बहुत अधिक बढ गया है. फलस्वरूप अब यह जरूरी नही रह गया है कि इसका उपयोग करने वाला व्यक्ति अंग्रेजी का जानकार हो.

आप ही के घर में शायद आपके दादाजी, ताऊजी, या हर काम मे आपकी मदद करने वाले नौकर को इस की जरूरत पढ सकती है. यह तो हुई मोटी सी बात. अब आते हैं असली बात पर. हर व्यक्ति अपनी मातॄभाषा मे लिखी बातों को अंग्रेजी की तुलना में अधिक अच्छी तरह से समझ सकता है एवं आस्वादन कर सकता है. अतः क्यों न अंग्रेजी पर निर्भरता कम करके अपने देश की भाषा में उपलब्ध साहित्य को बढावा दें.

आप शायद कहेंगे कि अंतर्जाल पर सब कुछ अंग्रेजी में है, अतः हिन्दी में लिखने का क्या फायदा! इस तरह के निराशावादी नजरिये से तो हिन्दी का और अपने देश का बहुत नुक्सान हो चुका है. इसे कभी न कभी बदलना होगा. आप इस निर्माण-कार्य की पहली सीढी के रुप में चिट्ठे लिखना शुरू कर दीजिये. दूसरों को भी प्रोत्साहित कीजिये. कल उसका फल मिलेगा — हमको नहीं तो कमसे कम हमारे बच्चों को तो मिलेगा ही.

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